Transparent Taxation Platform – इस लेख के माध्यम से हम पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लांच किए गए ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म की जानकारी साझा करेंगे। 13 अगस्त 2025 को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ‘ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफार्म की शुरुआत की। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और फाइनेंस एवं कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी शामिल थे। पीएम मोदी ने बताया कि इस प्लेटफार्म से फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील और ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े सुधार होंगे, जो कि करदाताओं के हित में हैं। फेसलेस अपील की सुविधा जल्द लागू की जाएगी।

ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म के उद्देश्य
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या लगभग ढाई करोड़ बढ़ी है। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य टैक्स भरने वालों को निडर और सहज बनाना है। अब टैक्स पेयर को डरने की आवश्यकता नहीं है। आयकर विभाग ईमानदार टैक्स पेयर का सम्मान करेगा और उन पर बिना कारण शक नहीं करेगा।
ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्यविधि
नई व्यवस्था में, उच्च न्यायालय में 1 करोड़ रुपए और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक के मामलों की सीमा निर्धारित की गई है, जिससे विवाद कोर्ट से बाहर ही सुलझाए जा सकें। इस प्लेटफार्म के तहत टैक्स व्यवस्था को सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस बनाने का प्रयास किया जाएगा। सरकार ने भी इनकम टैक्स स्लैब में कमी की है और भारत दुनिया के सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।
पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म की प्रमुख बातें
आर्टिकल किसके बारे में है | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन |
किसने लॉन्च किया | केंद्र सरकार |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
लेख का उद्देश्य | टैक्स प्रणाली को आसान बनाना |
ऑफिशियल वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
साल | 2025 |
स्कीम उपलब्ध है या नहीं | उपलब्ध |
पीएम @narendramodi ने ईमानदार टैक्स पेयर को सम्मान करने के लिए ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म की शुरुआत की। #HonoringTheHonest pic.twitter.com/YHiyS0wO1H — MyGovIndia (@mygovindia) August 13, 2020
प्लेटफार्म का उद्देश्य
यह प्लेटफार्म ईमानदार करदाताओं के लिए टैक्स प्रणाली को सरल बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है, जिससे अधिक लोग आयकर रिटर्न दाखिल करें और देश का विकास हो सके। इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस बनाया जाएगा।
टैक्स अब टेरर मुक्त। pic.twitter.com/NHQq2gZBnE — PMO India (@PMOIndia) August 14, 2020
टैक्स प्रणाली सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस
पीएम मोदी ने कहा कि टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस बनाया जाएगा। पेनलेस का मतलब है कि आयकर विभाग टैक्स पेयर को उलझाने के बजाय उनकी समस्याओं को हल करने पर ध्यान देगा। इसके साथ ही टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए तकनीकी और नियमों को सहज बनाया जाएगा।

आयकर प्रणाली को सरल बनाना
इस सुधार के जरिए आयकर प्रणाली को समझने में सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा, जिससे करदाताओं को परेशानी न हो।

सरकार का दखल कम होगा
ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन के माध्यम से जीवन में सरकारी दखल को कम किया जाएगा। पहले सुधार किए जाते थे, लेकिन कभी सफल नहीं होते थे। लेकिन अब यह नई प्रणाली इसे थोड़ा आसान बनाएगी।
ईमानदार टैक्स पेयर को सम्मान
पीएम मोदी ने इस प्रक्रिया को “ऑनरिंग द ऑनेस्ट” कहा है, जिसमें ईमानदार टैक्स पेयर के लिए टैक्स प्रणाली को और सरल किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित लोग
बैठक में पीएम मोदी के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आयकर विभाग के अधिकारी, व्यावसायिक संघों तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संघ के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सीबीडीटी के द्वारा बदलाव
पिछले वर्ष सीबीडीटी ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनमें टैक्स स्लैब में कमी भी शामिल है। अब 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। ये बदलाव टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मोड को बढ़ावा और रिटर्न दाखिल करने की सीमा बढ़ाई गई
सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दे रही है जिससे लोग आसानी से ऑनलाइन भुगतान कर सकें। इसके साथ ही, कोविड-19 के कारण आयकर रिटर्न भरने की समय सीमा को बढ़ाया गया है और रिफंड प्रक्रिया को तेज किया गया है।
पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म के लाभ और विशेषताएं
- पीएम मोदी का ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म 13 अगस्त 2025 को शुरू किया गया है।
- इस प्लेटफार्म के तहत फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील और ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे सुधार किए जाने हैं।
- टैक्स प्रक्रिया में सरलता लाने हेतु प्लेटफार्म का उपयोग किया जाता है।
- टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस बनाया जाएगा।
- टैक्स की दरों में कमी भी इस प्लेटफार्म के माध्यम से आएगी।
- विवादों के समाधान के लिए “विवाद से विश्वास अधिनियम 2025” प्रस्तुत किया गया है।
- इस प्लेटफार्म के जरिए इलेक्ट्रॉनिक मोड को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख विशेष परिस्थितियों में बढ़ाई गई है।
- इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है; अब 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं होगा।
- भारत में कॉर्पोरेट टैक्स की दरें विश्व में सबसे कम हैं।
निष्कर्ष
हमने इस लेख में ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रस्तुत की हैं। यदि आपके मन में कोई प्रश्न या समस्या है, तो कृपया कमेंट बॉक्स में पूछें। आपका कमेंट हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हम आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे.