Rashtriya Poshan Maah – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान के तहत एक माह चलने वाले 5वां राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत कर दी गई है। जो 1 से लेकर 30 सितंबर 2024तक चलेगा। इस बार पोषण माह “महिला और स्वास्थ्य” एवं “बच्चे और शिक्षा” पर केंद्रित है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी जी ने कहा है कि इस साल का लक्ष्य “पोषण पंचायत” के रूप में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पोषण माह की शुरुआत करना है। ताकि इस माह चलने वाले पोषण माह में गांव की गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं, 6 साल से कम आयु के बच्चों और किशोरियों पर विशेष ध्यान दिया जाए और उन्हें पोषण के बारे में जागरूक किया जाए। जिसके तहत पंचायत स्तर पर स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसके अलावा पोषण पंचायत समितियां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम नर्सों के साथ मिलकर काम करेगी। राष्ट्रीय पोषण माह 2024से संबंधित संपूर्ण विवरण प्राप्त करने के लिए हमारे इस आर्टिकल को नीचे तक पढ़े।
Rashtriya Poshan Maah 2024
देश में 5वां राष्ट्रीय पोषण माह को शुरू कर दिया गया है। इस बार के Rashtriya Poshan Abhiyan में मंत्रालय की योजना ग्राम पंचायतों को पोषण पंचायतों के रूप में जोड़ने की है। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यक्रमों की श्रंखला तैयार की है। इस श्रंखला के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं के बीच वर्षा जल संचयन के महत्व पर जोर दिया जाएगा और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य मां एवं बच्चों के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थों से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा राज्य स्तरीय गतिविधियों के तहत पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की अम्मा की रसोई भी संचालित की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर खिलौने बनाने की कार्यशाला के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में सीखने सिखाने के लिए पारंपरिक और स्थानीय लोगों को बढ़ावा देने की भी योजना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने रेडियो संबोधन मन की बात में देश के लोगों से Rashtriya Poshan Maah 2024मनाने की अपील की है। 5वे राष्ट्रीय पोषण माह मुख्य लक्ष्य जन आंदोलन को जन भागीदारी में बदलना और प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत के विजन को साकार करना है। ” प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना ” से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए क्लिक करें
राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में जानकारी
कार्यक्रम का नाम | Rashtriya Poshan Maah |
संबंधित अभियान | पोषण अभियान |
संबंधित विभाग | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय |
कार्यक्रम शुरू किया गया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा |
संचालित अवधि | 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर 2024तक |
लाभार्थी | 6 साल से कम आयु के बच्चे एवं किशोरिया, गर्भवती महिलाएं एवं दूध पिलाने वाली माताएं, |
उद्देश्य | पोषण के प्रति जागरूक करना |
साल | 2024 |
प्रधानमंत्री पोषण अभियान क्या है?
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 8 मार्च 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पोषण अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं एंव 6 साल से कम आयु के बच्चे एवं किशोरियों में पोषण संबंधी समस्याओं का समापन करके सुपोषित भारत बनाना है। क्योंकि हमारे देश में दिन-प्रतिदिन कुपोषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इस अभियान को पूरे देश में आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली महिलाओं के माध्यम से संचालित किया जाता है। जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त ₹500 दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत पोषण माह कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस कार्यक्रम में गर्भवती व शिशु को दूध पिलाने वाली माताओं, 6 साल से कम आयु के बच्चे एवं किशोरियों को पोषण के बारे में जागरूक किया जाता है और उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाए जाते हैं।
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
Rashtriya Poshan Maah 2024का उद्देश्य
Rashtriya Poshan Maah 2024का मुख्य उद्देश्य “महिला और स्वास्थ्य” वा “बच्चे और शिक्षा”पर ध्यान केंद्रित करना है। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यक्रम किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से एक माह तक आम लोगों के बीच पोषण को लेकर जागरूकता उत्पन्न की जाएगी। साथ ही गर्भवती व शिशु को दूध पिलाने वाली माताओं की पहचान कर उन तक पहुंच बनाने की तैयारी की गई है और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए मेलों के भी आयोजन किया जाएगे। Rashtriya Poshan Maah 2024मिशन पोषण 2.0 पर केंद्रित है। जो पोषक तत्व, वितरण,पहुंच और परिणाम को सुंदृढ बनाने का प्रयास करता है
राष्ट्रीय पोषण माह 2024के मुख्य बिंदु
- Rashtriya Poshan Maah में 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर 2024तक गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं, 6 साल से कम आयु के बच्चे एवं किशोरियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जिसके लिए उन्हें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करके एवं शिविरों के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में बताया जाएगा।
- पंचायत स्तर तक जागरूकता गतिविधियां संचालित करने के संबंधित जिला पंचायती राज अधिकारियों, सीडीपीओ, स्थानीय अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा।
- इस बार आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए देशी एवं स्थानीय खिलौना के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की खिलौना निर्माण कार्यशाला आयोजित होगी।
- इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं के बीच वर्षा जल संचयन के महत्व पर जोर दिया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं बच्चों के लिए पारंपरिक पौष्टिक सामग्री से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।
- सरकार द्वारा राज्य स्तर पर राष्ट्रीय पोषण माह 2024के तहत पारंपरिक व्यंजनों को ध्यान में रखकर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिसके लिए विशेष रूप से “अम्मा की रसोई” के द्वारा पारंपरिक व्यंजनों व खाद्य पदार्थों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।