Mukhyamantri Dugdh Utpadhak Protsahan Yojana: हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य राज्य के डेयरी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने दूध उत्पादन को बनाए रख सकें और बेहतर कीमत पा सकें।
इस योजना के तहत, दुग्ध उत्पादकों को दूध की बिक्री पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है, जिससे उनकी आमदनी में सुधार होता है और डेयरी सेक्टर के विकास में भी योगदान मिलता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के तहत लगभग 95000 दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना – उद्देश्य
इस मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना का पूरा खर्चा हरियाणा राज्य सरकार द्वारा उठाया जाता है। डेयरी सेक्टर की स्थिरता के लिए दुग्ध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादकों को दूध की मात्रा के आधार पर सब्सिडी दी जाती है, जो कि अप्रैल से सितंबर के बीच के दुग्ध उत्पादन के लिए लागू होती है। अब इसे पूरे साल के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव है, जिससे अधिक दूध उत्पादक डेयरी सहकारी समितियों से जुड़ सकें और उन्हें वित्तीय सहायता मिल सके।
15 अगस्त 2024 Update:
78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज बड़ी सौगात देते हुए दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार दूध उत्पादकों को अप्रैल,मई और जून, 2024 के लिए 15 करोड़ 59 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की है।
अब बीमा प्रीमियम भी भरेगी सरकार
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत हरियाणा में घरों तक दूध सप्लाई करने वालों का बीमा प्रीमियम भी अब राज्य सरकार ही वहन करेगी।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना 2024 की मुख्य विशेषताएं
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत जो सब्सिडी मिलती है वो कुछ इस प्रकार है।
अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 तक:
गाय और भैंस के दूध पर प्रति लीटर ₹5/- की सब्सिडी दी जाएगी।
अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक:
गाय और भैंस के दूध पर प्रति लीटर ₹3/- की सब्सिडी दी जाएगी।
अंत्योदय परिवारों के लिए:
अंत्योदय परिवारों को दूध यूनियनों को दूध आपूर्ति करने पर प्रति लीटर ₹10/- की सब्सिडी एक वर्ष तक दी जाएगी।
गुणवत्ता पर आधारित दर:
भैंस के दूध में 6% से कम फैट और 8.4% से कम एसएनएफ होने पर दूध दर चार्ट में ₹1/- की कटौती की जाएगी, जैसा कि पिछले वर्ष भी किया गया था।
योजना से प्राप्त लाभ
इस योजना के तहत, दुग्ध उत्पादकों को दूध की प्रति लीटर उच्च कीमत मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके अलावा, डेयरीफेड के दूध खरीद की मात्रा भी बढ़ती है, जो दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए किसी भी प्रकार का कोई आवेदन करने के जरूरत नहीं है, बस दूध को अच्छी गुणवत्ता के साथ डेयरी में ले जाकर देना है और उन्हें उनके दूध की मात्रा और गुणवत्ता के हिसाब से 5 रुपये या 3 रुपये प्रति लीटर अधिक मिल जाएंगे।
अब तक की उपलब्धियां
यह योजना 2013-14 में शुरू की गई थी और तब से लेकर अब तक हर साल लाखों दूध उत्पादकों को इसका लाभ मिला है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने इस योजना के तहत निम्नलिखित रकमें जारी की हैं:
- 2013-14 से 2016-17 तक: ₹1016.16 लाख, ₹2500.00 लाख, ₹2318.22 लाख और ₹3167.37 लाख।
- 2017-18 और 2018-19: ₹3850.00 लाख और ₹2917.67 लाख।
- 2019-20: ₹2314.72 लाख।
- 2020-21: ₹4382.20 लाख।
- 2021-22: ₹3709.00 लाख (लगभग 66000 लाभार्थियों को लाभ हुआ)।
- 2022-23: ₹3251.30 लाख (लगभग 63000 लाभार्थियों को लाभ हुआ)।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना हरियाणा के डेयरी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से, राज्य के दुग्ध उत्पादकों को न केवल उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलता है, बल्कि यह उनके आर्थिक सशक्तिकरण में भी सहायक सिद्ध होती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए दूध उत्पादक समय पर पंजीकरण करवा सकते हैं और अपने दूध उत्पादन से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।