Paramparagat Krishi Vikas Yojana – पारंपरिक खेती की तुलना में जैविक खेती सेहत के लिए लाभकारी होती है। जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग होता है। इसके अलावा जैविक खेती भूजल और सतह के पानी में नाइट्रेट की लीचिंग को भी कम करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना का शुभारंभ किया है। Paramparagat Krishi Vikas Yojana के माध्यम से किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस लेख को पढ़कर आपको इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा आपको इस योजना का उद्देश्य, विशेषताएं, लाभ, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि से संबंधित जानकारी भी प्राप्त होगी। तो यदि आप जैविक खेती करना के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024
परंपरागत कृषि विकास योजना को सॉइल हेल्थ योजना के अंतर्गत आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से जैविक खेतीकरने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जैविक खेती के स्थाई मॉडल का विकसित किया जाएगा। Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024 का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना को सन 2015-16 में रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया था।
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता
इस योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष की के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से ₹31000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष जैविक पदार्थों जैसे कि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि की खरीद के लिए प्रदान किया जाता है। इसके अलावा मूल्यवर्धन और विपरण के लिए ₹8800 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024 के माध्यम से पिछले 4 वर्षों में ₹1197 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। जिसमें एक्स्पोज़र विजिट और फील्ड कर्मियों के प्रशिक्षण शामिल है। यह राशि किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से वितरित की जाती है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक क्लस्टर के लिए 14.95 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मोबिलाइजेशंस, मनूर मैनेजमेंट, एवं पीजीएस सर्टिफिकेट के एडॉप्शन के लिए प्रदान की जाएगी। 50 एकड़ या 20 हेक्टेयर के क्लस्टर के लिए अधिकतम ₹1000000 की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। खाद प्रबंधन और जैविक नाइट्रोजन संचयन की गतिविधियों के अंतर्गत प्रत्येक किसान को अधिकतम ₹50000 की राशि प्रति हेक्टेयर उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा कुल सहायता में से 4.95 लाख रुपए प्रति क्लस्टर पीजीएस प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण को जुटाने और अपनाने के लिए कार्यान्वयन एजेंसी को मुहैया कराए जाएंगे।
Details of Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024
योजना का नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
किसने आरंभ की | भारत सरकार |
लाभार्थी | किसान |
उद्देश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/Index.aspx |
साल | 2024 |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
वित्तीय सहायता | ₹50000 |
परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में भी लाभकारी साबित होगी। इसके अलावा परम्परागत कृषि विकास योजना 2024 के माध्यम से रसायनिक मुक्त एवं पौष्टिक भोजन का उत्पादन हो सकेगा क्योंकि जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। परम्परागत कृषि विकास योजना देश के नागरिकों की सेहत में सुधार करने के लिए भी उपयोगी साबित होगी। इस योजना को जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी आरंभ किया गया है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर्ड डिमॉन्सट्रेशन
मॉडल ऑर्गेनिक क्लास स्टडी मनस्ट्रेशन के माध्यम से जैविक खेती की आधुनिक तकनीक के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी जिससे कि ग्रामीण युवा, किसान, उपभोक्ता एवं व्यापारी जैविक खेती कर सकें। यह जागरूकता परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से लागू की जाएगी। इस योजना के कार्यान्वयन एजेंसी नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग, पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम, पंजीकृत क्षेत्रीय परिषद और डीएसी और F.W. के अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन होंगे। इस योजना के अंतर्गत रिमॉन्सट्रेशन एक्सपर्ट एवं साइंटिस्ट की निगरानी में आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा एक प्रोजेक्ट डिमॉन्सट्रेशन टीम का भी गठन किया जाएगा जिससे कि इस योजना का बेहतर कार्यान्वयन किया जा सके।
योजना के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक फार्म
- मॉडल ऑर्गेनिक फार्म के माध्यम से परंपरिक भूमि को एक हेक्टेयर के जैविक कृषि पद्धति में परिवर्तित किया जाएगा।
- इसके अलावा किसानों को विभिन्न नवीनतम तकनीकों से संबंधित भी जानकारी प्रदान की जाएगी। जिससे कि वे जैविक खेती कर सकें।
- प्रति एक संगठन को न्यूनतम 1 वर्ष में अधिकतम तीन मॉडल आवंटित किए जाएंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ
- भारत सरकार द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना का शुभारंभ किया गया है।
- इस योजना को सोयल हेल्थ योजना के अंतर्गत आरंभ किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है।
- किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- यह योजना पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विकास के माध्यम से खेती के स्थाई मॉडल को विकसित करने में मदद करेगी।
- इस योजना के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- परम्परागत कृषि विकास योजना 2024 के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनों के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस योजना को सन 2015-16 में रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया है।
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस राशि में से ₹31000 प्रति हेक्टेयर की राशि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि के लिए प्रदान किए जाएंगे।
- मूल्यवर्धन एवं वितरण के लिए ₹8800 रुपया प्रदान किए जाएंगे।
- इसके अलावा क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 प्रति हेक्टेयर प्रदान किए जाएंगे। जिसमें एक्स्पोज़र विजिट एवं फील्ड कर्मियों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
- पिछले 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत ₹1197 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
- इस योजना के अंतर्गत लाभ की राशि सीधे किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से वितरित की जाती है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana की मुख्य विशेषताएं
- जैविक खेती के लिए चुना गया क्लस्टर 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ की सीमा में और जितना संभव हो उतना सन्निहित रूप में होना चाहिए।
- 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ क्लस्टर के लिए उपलब्ध कुल वित्तीय सहायता अधिकतम 10 लाख रुपए होगी।
- एक क्लस्टर में किसानों की कुल संख्या में कम से कम 65% किसानों को लघु और सीमांत श्रेणी के लिए आवंटित किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत बजट आवंटन का कम से कम 30% महिला लाभार्थी/किसानों के लिए निर्धारित करना आवश्यक है।
पिछले 4 वर्षों में प्रदान की गई वित्तीय सहायता
साल | बजट एस्टीमेट (crore) | रिवाइज्ड एस्टीमेट (crore) | रिलीज (crore) |
2017-18 | 350 | 250 | 203.46 |
2018-19 | 360 | 335.91 | 329.46 |
2019-20 | 325 | 299.36 | 283.67 |
2024-25 | 500 | 350 | 381.05 |
कुल | 1535 | 1235.27 | 1197.64 |
परंपरागत कृषि विकास योजना का कार्यान्वयन
- राष्ट्रीय स्तर कार्यान्वयन – प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना को इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के ऑर्गेनिक फार्मिंग सेल के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। इसके अलावा इस योजना के दिशा निर्देश नेशनल एडवाइजरी कमिटी के ज्वाइंट डायरेक्टर के माध्यम से तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर योजना का कार्यान्वयन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, कोऑपरेटिव एंड फार्मर वेलफेयर के माध्यम से भी किया जाएगा।
- राज्य स्तर कार्यान्वयन – राज्य स्तर पर इस योजना का कार्यान्वयन राज्य कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा किया जाएगा। विभाग द्वारा पंजीकृत क्षेत्रीय परिषदों की भागीदारी के साथ योजना को लागू किया जाएगा।
- जिला स्तरीय कार्यान्वयन – इस योजना का जिला स्तरीय कार्यान्वयन रीजनल काउंसिल के माध्यम से किया जाएगा। 1 जिले में एक या एक से अधिक रीजनल काउंसिल भी हो सकते हैंं जो सोसाइटीज एक्ट, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, कोऑपरेटिव एक्ट या कंपनीज एक्ट के अंडर रजिस्टर्ड होंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत एनुअल एक्शन प्लान
- परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत पीजिएस सर्टिफिकेशन एवं क्वालिटी कंट्रोल 3 वर्ष का प्रोग्राम है। जिसके लिए रीजनल काउंसिल को अपना एक्शन प्लान जमा करना होगा।
- यह एक्शन प्लान स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर को जमा किया जाएगा।
- एक्शन प्लान के अप्रूवल के पश्चात राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान कर दी जाएगी।
- वित्तीय सहायता प्राप्त होने के पश्चात रीजनल काउंसिल द्वारा लोकल ग्रुप एवं किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।
- एनुअल एक्शन प्लान रीजनल काउंसिल द्वारा मार्च में जमा किया जाएगा।
- मई तक एक्शन प्लान का अप्रूवल केंद्र सरकार द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा एवं मध्य मई में वित्तीय सहायता रीजनल काउंसिल को प्रदान कर दी जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
परम्परागत कृषि विकास योजना स्टेटिस्टिक्स
Active Regional Council | 334 |
Total Group | 26007 |
Approved Group | 26007 |
Total Farmer | 924450 |
Approved Farmer | 910476 |
Not Approved Farmer | 13974 |
Total Certificate | 2141473 |
Approved Certificate | 939466 |
Not Approve Certificate | 1202007 |
Area Offered For Organic Farming | 551112.279075419 Hectare |
Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) की पात्रता
- आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आवेदक किसान होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
- होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपके सामने आवेदन पत्र खुलकर आएगा।
- आप को आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज करना होगा।
- इसके पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
- अब आपको सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
PKVY पोर्टल पर लॉगइन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
- इसके पश्चात आपको लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने डायलॉग बॉक्स फुल कर आएगा।
- आपको इस डायलॉग बॉक्स में अपना यूजरनेम, पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज करना होगा।
- इसके बाद आपको लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप पोर्टल पर लॉगिन कर पाएंगे।
कांटेक्ट डिटेल देखने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
- होम पेज पर आपको कांटेक्ट अस के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपके सामने एक नया पेज खोलकर आएगा।
- इस पेज पर आप कांटेक्ट डिटेल देख सकते हैंं।