Pradha Mantri Aadi Aadarsh Gram Yojana – जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जनजातीय लोगों के एकीकृत सामाजिक एवं आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई है। ताकि हर तरह की सुविधा जनजाति आबादी वाले गांवों को उपलब्ध की जा सके और उन्हें ठोस बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके। देश के संविधान में भी अनुसूचित जनजाति के लोगों के हितों की रक्षा के लिए विशेष कानून बनाए गए हैं। अनुसूचित जनजाति लोगों को समाज में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अंतर को पाटा जा सके। इसके लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत जनजाति क्षेत्रों के गांवों को आदर्श ग्राम में बदला जाएगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे। जनजातीय लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना लागू की गई है।
Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana 2024
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत देश के जनजातीय आबादी वाले गांवों को मॉडल बनाया जाएगा। हाल ही में जनजाति कार्य मंत्रालय 2024-25 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के नामकरण के साथ सरकार ने जनजातीय उपयोजना और विशेष केंद्रीय सहायता योजना में संशोधन किया है।
इस योजना के लिए 2024-25 के दौरान लगभग 16,554 गांवो में को शामिल किया गया है। अब तक 1927 करोड़ रुपए की धनराशि पहले ही राज्यों को जारी की जा चुकी है। और 6264 गांवो के कार्यान्वयन के लिए Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana को मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं इस योजना के तहत गुजरात में कुल 3764 गांवों को चिन्हित किया गया है। इनमें से पीएमएएजीवाई के तहत 1562 गांवो के लिए मंजूरी दी गई है। गुजरात को इस योजना के तहत कुल 35318.54 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana |
लागू की गई | जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा |
उद्देश्य | गांवों को आदर्श स्तर तक लाना है। तथा उन्हें आदर्श ग्राम में बदलना |
लाभार्थी | जनजातीय आबादी वाले गांव के नागरिक |
आदर्श ग्राम मे बदला जाएगा | 4.22 करोड़ गांवो को |
PM Aadi Aadarsh Gram Yojana का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य इस योजना के तहत चुने गए गांवों को पूरी तरह से सामाजिक, आर्थिक रूप से विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से जनजातीय आबादी वाले गांवों की जरूरतों, क्षमताओं और आकांक्षाओं के आधार पर एक ग्राम विकास योजना को तैयार करना है। और इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों की व्यक्तिगत परिवारिक लाभ योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। जनजातीय आबादी वाले गांव में इस योजना के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी, आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में भी शामिल करना है। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य जनजाति वाले गांवों को आदर्श स्तर तक लाना है। तथा उन्हें आदर्श ग्राम में बदलना है। वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 के दौरान जनजातीय आदिवासी आबादी वाले गांवों को इस योजना के तहत 4.22 करोड़ गांवो को आदर्श ग्राम के रूप में बदलना है।
जनजातीय आबादी वाले गांवों को आदर्श ग्राम में बदलना
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य गांव के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। इस योजना के तहत 4.22 करोड़ (कुल जनजाति आबादी का लगभग 40 फ़ीसदी) की जनसंख्या को जनजाति आबादी वाले गांवों को आदर्श गांव में बदलना है। राज्यो/केंद्र शासित प्रदेशों में भी अधिसूचित जनजाति के साथ साथ कम से कम 50 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी और 500 अनुसूचित जनजाति एवं 36428 गांव को कवर करने की बात कही गई है।
PMAAGY के तहत हर गांव को प्रशासनिक खर्चे सहित स्वीकृत कामों के लिए 20.38 लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई जाएगी। इस धनराशि से आदिवासी गांव में जो सुविधाएं नहीं है। या जिन सुविधाओं की कमी है वह पूरी हो सकेगी। इसके अलावा इसमें केंद्र राज्य सरकारों की व्यक्तिगत परिवारिक लाभ योजना के कवरेज को अधिकतम करना और शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका कनेक्टिविटी संपर्क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना भी शामिल है।
योजना में 8 क्षेत्रों में कमियों को दूर किया जाएगा
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत 8 क्षेत्रों में प्रमुखता से कमियों को दूर किया जाएगा। जो कि निम्न क्षेत्र है।
- सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव/प्रखंड)
- दूरसंचार संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट)
- विद्यालय
- आंगनबाड़ी केंद्र
- स्वास्थ्य उप केंद्र
- पेयजल सुविधा
- जल निकासी और
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना
जनजातीय आबादी वाले गांवों का विकसित होना राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजाति समुदाय के कल्याण के बारे में कहा कि मेरे जनजातीय भाइयों और बहनों के पास बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय, घर तक पहुंचने वाली सड़क, निकट में चिकित्सा केंद्र, आसपास के क्षेत्र में आय के साधन और बच्चों के लिए स्कूल के साथ खुद का पक्का घर होना चाहिए। और कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए जनजातीय आबादी वाले गांव का विकसित होना आवश्यक है। और इस दिशा में पूर्ण रूप से केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। जनजाति समुदाय एवं अल्पसंख्यक समुदाय होने के बावजूद भारत में विशाल विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। जनजातीय समुदाय भारत में अपनी विशेष संस्कृति, विशेष खानपान, भाषा और उसका अपना एक विशाल इतिहास है। जिसके लिए जरूरी है कि जनजाति समुदाय को मुख्यधारा में लाया जाए और सुनिश्चित रूप से उनका सर्वागीण विकास हो।
PM Aadi Aadarsh Gram Yojana की विशेषताएं
- आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को लागू किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के लोगों को नेतृत्व करने लायक बनाने के लिए उनकी बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं तक पहुंचाना बनाना है। ताकि अनुसूचित जनजाति के लोग भी सम्मान पूर्वक जीवन जी सके और अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर सकें।
- जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मौजूदा विशेष केंद्रीय सहायता योजना को हाल ही में जनजातीय उपयोजना का नया रूप दिया है। और इसका नामकरण प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना किया गया है।
- इस योजना के तहत 4.22 करोड़ (कुल जनजाति आबादी का लगभग 40 फ़ीसदी) की जनसंख्या को जनजाति आबादी वाले गांवों को आदर्श गांव में बदलना है।
- PMAAGY के तहत हर गांव को प्रशासनिक खर्चे सहित स्वीकृत कामों के लिए 20.38 लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई जाएगी।
- इस धनराशि से आदिवासी गांव में जो सुविधाएं नहीं है। या जिन सुविधाओं की कमी है वह पूरी हो सकेगी।
- अब तक 1927 करोड़ रुपए की धनराशि पहले ही राज्यों को जारी की जा चुकी है।
- और 6264 गांवो के कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को मंजूरी दी जा चुकी है।
- वहीं इस योजना के तहत गुजरात में कुल 3764 गांवों को चिन्हित किया गया है।