यूपी जनसंख्या कानून 2025: मुख्य बातें, लाभ और चुनौतियाँ

यूपी जनसंख्या कानून 2025 – उत्तर प्रदेश की जनसंख्या कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए यह कानून लाने की जरुरत महसूस की गई है ताकि सभी नागरिकों को पर्याप्त संसाधन मिल सकें। राज्य विधि आयोग ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने यूपी जनसंख्या कानून का एक प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव किसी सरकारी आदेश पर नहीं, बल्कि आयोग द्वारा स्वयं बनाया गया है। इस लेख में हम आपको इस प्रस्ताव से संबंधित जानकारी देंगे। इसमें हम चर्चा करेंगे कि यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव क्या है, इसके लाभ क्या होंगे, क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं, और इस कानून के उद्देश्य और विशेषताएँ क्या हैं।

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यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव

यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के सुझाव दिए गए हैं। यह प्रस्ताव वेबसाइट पर अपलोड किया गया है और इसमें जनता से राय मांगी गई है, जिसका आखिरी तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। आयोग द्वारा प्राप्त राय पर विचार करने के बाद, इसे सरकार को सौंपा जाएगा। इस प्रस्ताव में दो या दो से कम बच्चों वाले अभिभावकों को कई प्रकार के लाभ दिए जाने का प्रावधान है, जबकि दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों को कई सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वाले परिवारों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाएगा।

यदि किसी के दो से अधिक बच्चे हैं, तो उन्हें सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने और स्थानीय चुनावों में हिस्सा लेने से रोक लगाई जा सकती है। कानून का उल्लंघन करने पर नागरिकों को 77 सरकारी योजनाओं और अनुदान से वंचित रखा जा सकता है।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना

यूपी जनसंख्या कानून का उद्देश्य

यूपी जनसंख्या कानून का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना है। यदि यह कानून लागू किया जाता है, तो परिवार जो परिवार नियोजन के उपाय अपनाएंगे, उन्हें सहायता दी जाएगी, जबकि उल्लंधन करने वाले परिवारों को अनुदान और अन्य लाभ से वंचित किया जाएगा। इसके द्वारा उत्तर प्रदेश की जनसंख्या को कम कर संसाधनों का समान आवंटन सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह कानून राज्य में गरीबी को भी कम करने में सहायक होगा।

यूपी जनसंख्या कानून का विवरण

योजना का नाम यूपी जनसंख्या कानून
आरंभ की जाने वाली सरकार उत्तर प्रदेश सरकार
लाभार्थी उत्तर प्रदेश के नागरिक
उद्देश्य जनसंख्या को नियंत्रित करना
आधिकारिक वेबसाइट यहां क्लिक करें
साल 2025
यूपी जनसंख्या कानून ड्राफ्ट Click Here

उत्तर प्रदेश परिवार रजिस्टर

यूपी 2 बच्चा नीति के लाभ और विशेषताएँ

  • यह प्रस्ताव आयोग द्वारा तैयार किया गया है।
  • जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के सुझाव दिए गए हैं।
  • जनता से राय मांगी गई है, फीडबैक 19 जुलाई 2024 तक ली जाएगी।
  • प्राप्त राय के आधार पर, इसे सरकार को पेश करने की योजना है।
  • दो या कम बच्चों वाले अभिभावकों को विविध सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी।
  • दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों को विभिन्न सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
  • इससे सरकार को जनसंख्या नियंत्रण में सहायता प्राप्त होगी।

प्रस्ताव का पालन करने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन

यदि यह कानून लागू होता है, तो इसका पालन करने वाले नागरिकों को निम्नलिखित प्रोत्साहन दिए जाएंगे।

लोक सेवकों के लिए प्रोत्साहन (दो बच्चे):

वे लोक सेवक जो अपने या अपने जीवनसाथी की नसबंदी करवाते हैं, उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:

  • सेवा के दौरान 2 अतिरिक्त वेतन वृद्धि।
  • हाउसिंग बोर्ड से भूमि या निर्मित घर की खरीद पर सब्सिडी।
  • कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन।
  • बिजली और जल के बिल में छूट।
  • बच्चे के जन्म पर 12 महीने का वेतन सहित अवकाश।
  • नेशनल पेंशन स्कीम में बीमा योगदान में 3% की वृद्धि।
  • जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और बीमा।

UP Shasanadesh

लोक सेवकों के लिए प्रोत्साहन (एक बच्चा):

जो लोक सेवक एक बच्चे के जन्म के बाद नसबंदी करवाते हैं, उन्हें ये लाभ मिलेंगे:

  • सेवा के दौरान 2 अतिरिक्त वेतन वृद्धि।
  • बच्चे को 20 साल तक मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ।
  • प्रमुख संस्थानों में बच्चों के प्रवेश को प्राथमिकता।
  • स्नातक तक मुफ्त शिक्षा।
  • बालिकाओं के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति।
  • सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता।

आम नागरिकों के लिए प्रोत्साहन (दो बच्चे):

जो आम नागरिक दो बच्चे होने पर नसबंदी करवाते हैं, उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:

  • कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन।
  • बिजली और जल के बिलों पर छूट।
  • बच्चे के जन्म पर 12 महीने का वेतन सहित अवकाश।

आम नागरिकों के लिए प्रोत्साहन (एक बच्चा):

वे आम नागरिक जो एक बच्चे के जन्म के बाद नसबंदी करवाते हैं, उन्हें ये लाभ मिलेंगे:

  • कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन।
  • बिजली और जल के बिलों पर छूट।
  • बच्चे के जन्म पर 12 महीने का वेतन सहित अवकाश।
  • बच्चे को 20 साल तक मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ।
  • प्रमुख संस्थानों में प्राथमिकता।
  • स्नातक शिक्षा तक मुफ्त शिक्षा।
  • बालिकाओं के लिए छात्रवृत्ति।
  • सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता।

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गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुख्य लाभ

यदि यह कानून लागू किया जाता है, तो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को एकमुश्त राशि का लाभ दिया जाएगा यदि वे एक बच्चे के जन्म के बाद नसबंदी करवाते हैं। यदि बच्चा लड़का है तो राशि 80,000 रुपए, और यदि बच्ची है तो राशि 1,00,000 रुपए होगी।

यूपी जनसंख्या कानून का पालन ना करने पर परिणाम

जो नागरिक इस कानून का पालन नहीं करेंगे, उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ेगा:

  • सरकारी योजनाओं से बाहर किया जा सकता है।
  • राशन कार्ड में केवल चार सदस्यों को शामिल किया जा सकेगा।
  • सरकारी अनुदान का लाभ नहीं मिलेगा।
  • स्थानीय चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
  • सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
  • सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिलेगा।

यूपी जनसंख्या कानून के अपवाद

कुछ विशेष परिस्थितियों में इस कानून के नियमों का अनुपालन नहीं किया जाएगा:

  • दूसरी गर्भावस्था में एकाधिक जन्म।
  • दूसरे बच्चे के साथ गोद लिया गया तीसरा बच्चा।
  • पहले या दूसरे बच्चे की विकलांगता।
  • किसी बच्चे की मृत्यु।
  • यदि दंपति सर्वप्रथम एक से अधिक बच्चों के साथ गर्भवती हैं।
  • बहु विवाह की स्थिति।

यूपी जनसंख्या कानून के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राज्य की होगी

यदि यह कानून लागू किया जाता है, तो राज्य सरकार को निम्नलिखित जिम्मेदारियों का पालन करना होगा:

  • इस योजना को समय-समय पर संशोधित करना।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मातृत्व केंद्र स्थापित करना।
  • परिवार नियोजन पद्धतियों के बारे में जागरूकता फैलाना।
  • गर्भावस्था, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करना।
  • गर्भवती महिलाओं को आयरन व विटामिन की टेबलेट देना।
  • बच्चों का समय पर टीकाकरण करना।
  • छोटे परिवारों के फायदों की जानकारी पहुंचाना।
  • पॉपुलेशन कंट्रोल विषय को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना।
  • सरकार नागरिकों को कंडोम जैसी उपायों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
  • यदि नसबंदी का ऑपरेशन असफल हो जाए तो 50,000 रुपए का बीमा कवर दिया जाएगा।
  • यदि नसबंदी का ऑपरेशन सफल नहीं होता है, तो दंपति को सभी लाभ मिलेंगे।
  • एक राज्य जनसंख्या फंड का भी गठन किया जाएगा।

बहु विवाह के लिए विशेष प्रावधान

यूपी जनसंख्या कानून में बहुविवाह का विषय भी शामिल है। यदि यह कानून लागू होता है, तो इसके तहत बहुविवाह करने वाले पति-पत्नी के विशेष नियम होंगे। यदि पति के पास एक से अधिक पत्नी हैं और उनके कुल मिलाकर दो से अधिक बच्चे हैं, तो पति को सभी लाभों से वंचित किया जाएगा। वहीं, पत्नी को सभी लाभ दिए जाएंगे। यदि पत्नी के पास एक से अधिक पति हैं और उनके मिलकर दो से अधिक बच्चे हैं, तो पत्नी को वंचित किया जाएगा, जबकि पति सभी लाभ प्राप्त करेंगे.