अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश 2025 – हिमाचल प्रदेश सरकार ने जातिवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से अंतरजातीय विवाह योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्य के युवक और युवतियों को यदि वे अन्य जाति में विवाह करते हैं तो उन्हें एक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हाल ही में इस राशि को 25,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है, जो इस बात को दर्शाता है कि पिछले कुछ वर्षों में अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने की बातें कितनी महत्वपूर्ण हो गई हैं। केवल हिमाचल प्रदेश के नागरिक ही इस HP Inter Caste Marriage Scheme के लाभार्थी बन सकते हैं। इच्छुक पात्रों को इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा।
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अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश 2025 के लिए आवश्यक जानकारी
इस योजना का उद्देश्य जातिवाद को समाप्त करना और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है। यदि कोई व्यक्ति उच्च जाति से संबंध रखता है और वह अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंध रखने वाले व्यक्ति से विवाह करता है, तो उसे 75,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि सीधे उसके बैंक खाते में भेजी जाएगी। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि यह राशि नवविवाहित दंपति की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक हो।
अंतरजातीय विवाह योजना की प्रमुख बातें
योजना का नाम | Himachal Pradesh Inter Caste Marriage Yojana |
शुरू की गई | हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा |
लाभार्थी | अंतरजातीय विवाह करने वाले युवा और युवााएं |
उद्देश्य | जातिवाद को खत्म करना और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना |
प्रोत्साहन राशि | 75,000 रुपए |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
साल | 2025 |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | http://esomsa.hp.gov.in/ |
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में जातिवाद को समाप्त करना और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है। इससे नवविवाहित दंपति को 75,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर उनमे समानता की भावना को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास कर रही है ताकि सभी समुदायों के लोग शांति से रह सकें।
अंतरजातीय विवाह योजना के लाभ एवं विशेषताएं
- जाति प्रथा का उन्मूलन संभव होगा।
- इस योजना के तहत नवविवाहित जोड़ों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
- प्रोत्साहन राशि का उपयोग बेहतर जीवन जीने में किया जा सकता है।
- इससे सभी धर्मों के लोग आपस में मिल-जुल कर रह सकेंगे।
- युवक और युवतियों को अंतरजातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- अंतरजातीय विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- खासकर उन युवाओं के लिए जो अपने परिवार से दूर जाकर विवाह करते हैं।
- यह योजना जातिवाद जैसी कुप्रथा के उन्मूलन में सहायक होगी।
पात्रता मानदंड
अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
- आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- लड़का और लड़की में से कोई एक व्यक्ति अन्य जाति का होना आवश्यक है।
- यह उनकी पहली विवाह होनी चाहिए।
- रविवाह में युवक की उम्र 21 वर्ष और युवती की 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
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आवश्यक दस्तावेज
योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- आयु प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र
- दंपति के पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
इसके लिए नीचे दिए गए चरों का पालन करें:
- यहां लिंक पर क्लिक करें।
- लिंक पर क्लिक करते ही आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
- फॉर्म डाउनलोड करें और उसका प्रिंट निकालें।
- फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक भरें।
- दस्तावेज के प्रति प्रमाण पत्र संलग्न करें।
- फॉर्म को जिला अधिकारी कल्याण या तहसील अधिकारी कल्याण विभाग में जमा करें।
- आवेदन की जांच होने के बाद लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या अंतरजातीय विवाह योजना हिमाचल प्रदेश की शुरुआत किसने की? यह योजना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य क्या है? इसका उद्देश्य जातिवाद को समाप्त करना और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है। कितना प्रोत्साहन राशि मिलेगा? इस योजना के तहत लाभार्थियों को 75,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।