उत्तर प्रदेश श्रमिक भरण पोषण योजना 2025
कोरोना वायरस के कारण उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लगा है। इस वजह से श्रमिकों को अपने परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिक भरण पोषण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत श्रमिकों को आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपने जीवन यापन कर सकें। इस लेख में हम आपको इस योजना से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी देंगे, जैसे कि योजना की विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, और आवेदन प्रक्रिया। अगर आप इस योजना के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी चाहते हैं, तो कृपया इस लेख को अंत तक पढ़ें।

उत्तर प्रदेश मजदूर भत्ता योजना 2025
लॉकडाउन के चलते श्रमिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिक भरण पोषण योजना की शुरुआत की है। इस योजना में 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है और इसके अलावा, श्रमिकों को खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत, सभी पंजीकृत श्रमिक, नाविक, रिक्शा चालक, ठेला विक्रेता, दिहाड़ी श्रमिक आदि आवेदन कर सकते हैं।
- यह सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा, अंत्योदय और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को मुफ्त खाद्यान्न की भी सुविधा दी गई है।
- जिन्हें राशन कार्ड नहीं है, वे प्राथमिकता से कार्ड बनवाकर राशन प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश श्रमिक भरण पोषण योजना के मुख्य तथ्य
योजना का नाम | मजदूर भत्ता योजना |
शुरू की गई | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा |
लॉन्च की तारीख | 21 मार्च |
लाभार्थी | राज्य के मजदूर परिवार |
उद्देश्य | राज्य के मजदूरों को भत्ता प्रदान करना |
ऑफिशियल वेबसाइट | uplabour.gov.in |
लाभार्थी सूची
- रिक्शा चालक
- पटरी व्यवसायी
- निर्माण श्रमिक
- अंत्योदय श्रेणी के लोग
- सड़क विक्रेता
- पल्लेदार
- रेहड़ी/खोमचा लगाने वाले
- दिहाड़ी श्रमिक
उत्तर प्रदेश प्रवासी मजदूर घर वापसी पंजीकरण
योजना का उद्देश्य
कोरोना वायरस महामारी के कारण मजदूरों को आय में दिक्कतें आ रही हैं। इस संकट को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिक भत्ता योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से दिहाड़ी श्रमिकों और निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
मजदूर भत्ता योजना के लाभ
- इस योजना के अंतर्गत गरीब दिहाड़ी मजदूरों को यूपी सरकार द्वारा 1000 रुपये की सहायता मिलेगी।
- लगभग 35 लाख श्रमिकों को इस योजना से लाभ मिलेगा।
- सरकार बीपीएल परिवारों को 20 किलोग्राम गेहूं और 15 किलोग्राम चावल मुफ्त में देगी।
- मजदूर भत्ता योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आइसोलेशन वार्ड बनाए हैं और मजदूरों को तत्काल राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
- इस योजना का लाभ उन्हीं मजदूरों को मिलेगा जो श्रम विभाग, नगर विकास और ग्राम सभाओं में पंजीकृत हैं।
- आवेदनकर्ता का बैंक खाता होना अनिवार्य है और इसे आधार कार्ड से लिंक किया जाना चाहिए।
पात्रता मानदंड
- इस योजना का लाभ उन मजदूरों को मिलेगा जो श्रम विभाग, नगर विकास और ग्राम सभाओं में पंजीकृत हैं।
- आवेदक को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- अगर आपके पास कोई पंजीकृत सर्टिफिकेट नहीं है, तो आप इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
आवेदन प्रक्रिया
- श्रमिकों को आवेदन करने के लिए नगर निगम जाकर आवेदन करना होगा। इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए नगर निगम द्वारा आवश्यक फॉर्म जारी किया गया है।

- श्रम विभाग में पंजीकृत लोगों के लिए नगर निगम में कार्य करने वाले अधिकारी जानकारी एकत्र करेंगे।
- जिलाधिकारी से गरीबों की सूचनाओं को ऑनलाइन भरने के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा।
- नगर निगम और जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा जानकारी एकत्रित की जाएगी।
- दिहाड़ी मजदूरों के लिए लेबर अड्डों पर भी संपर्क किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश श्रमिक भरण पोषण योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
यदि आप सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले आपको श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

- वेबसाइट पर “Online Registration and Renewal” पर क्लिक करें।

- अब लॉगिन फॉर्म में “Registration Now” ऑप्शन पर क्लिक करें।

- इसके बाद “नया पंजीकरण” टैब पर क्लिक करें।
- आपको Nivesh मित्र पोर्टल पर ले जाया जाएगा जहाँ आपको “Register Here” लिंक पर क्लिक करना है।

- अब पंजीकरण फॉर्म भरें जिसमें नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि भरना होगा।
- सभी जानकारी भरने के बाद Register बटन पर क्लिक करें।