Right To Health Bill Rajasthan Kya Hai:- राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए विधानसभा में Right To Health Bill ध्वनि मत से पारित कर दिया गया है। बिल के कुछ प्रावधान को लेकर विपक्ष पार्टी द्वारा विरोध किया जा रहा है। लेकिन सरकार द्वारा राइट टू हेल्थ बिल को राज्य के आम नागरिकों के लिए काफी लाभदायक बताया जा रहा है। आपको बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल सितंबर 2024में विधानसभा में पेश किया गया था लेकिन अनिवार्य मुफ्त आपातकालीन उपचार के प्रावधान सहित अन्य कई कारण से यह बिल आगे नहीं बढ़ सका था।
राजस्थान डॉक्टरों के भारी विरोध के चलते बिल प्रवर समिति विधायक को भेज दिया गया है। जिसे चालू बजट सत्र 2024-25 में मंगलवार को राजस्थान स्वास्थ्य अधिकार पारित किया गया है। अगर आप राइट टू हेल्प बिल राजस्थान क्या है? इस बिल का विरोध क्यों हो रहा था? Right To Health Bill के क्या फायदे हैं? इन सब से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़ना होगा।
Right To Health Bill Rajasthan Kya Hai
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की आम जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार प्रदान करने के लिए Right To Health Bill 2024को विधानसभा में 21 मार्च 2024को पारित कर दिया गया है। इस बिल के पास होने से राजस्थान के प्रत्येक नागरिक को किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठा और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर आवश्यक सिल्किया शुल्क के पूर्व भुगतान के बिना आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा।
राइट टू हेल्थ बिल के तहत अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाएगा। आपातकाल की स्थिति में इलाज का खर्च संबंधित मरिज द्वारा वहन न कर पाने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। किसी भी गंभीर बीमारी में इमरजेंसी होने पर मरीज निजी अस्पताल में निशुल्क भर्ती हो सकेगा एवं इलाज सही समय पर प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा इस बिल में यदि किसी दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को सरकार द्वारा 5000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान 2024के बारे में जानकारी
आर्टिकल का नाम | Right To Health Bill |
बिल पारित किया गया | 21 मार्च 2024को |
संबंधित विभाग | राजस्थान स्वास्थ्य विभाग |
लाभार्थी | राज्य के नागरिक |
उद्देश्य | निजी अस्पतालों में भी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना |
प्रोत्साहन राशि | 5000 रुपए |
राज्य | राजस्थान |
साल | 2024 |
Rajasthan Right To Health Bill को लेकर क्यों हो रहा था विरोध?
दरअसल राइट टू हेल्थ बिल को लेकर जो विरोध हो रहा था वह राजस्थान के निजी चिकित्सक द्वारा किया जा रहा था। क्योंकि इस बिल के तहत प्राइवेट अस्पताल किसी भी इमरजेंसी में इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। यही नहीं नया कानून आने के बाद निजी अस्पताल बिना किसी पेमेंट के इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। यदि इमरजेंसी में अस्पताल में आने वाले किसी मरीज के पास पेमेंट करने के लिए पैसे नहीं है तो ऐसी स्थिति में अस्पताल बिना किसी पेमेंट के इलाज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
Right To Health Bill को लेकर निजी चिकित्सक इस विधेयक के खिलाफ आंदोलन कर रहे डॉक्टर का कहना था कि इससे उन पर नौकरशाही का हस्ताक्षर बढ़ेगा। सोमवार 20 मार्च को निजी अस्पतालों के डॉक्टर राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जताने के लिए सड़क पर भी उतरे थे। डॉक्टर के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की ओर इस बिल में बदलाव करने के सुझाव भी दिए। इसके अलावा 5 चिकित्सकों का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री से मिला और बिल को वापस लेने की मांग की है।
नियम का उल्लंघन करने पर 25000 रुपए तक का जुर्माना
Right To Health Bill के तहत यदि किसी डॉक्टर या मरिज द्वारा किसी प्रावधान या नियम का उल्लंघन किया जाता है तो उन्हें ऐसा करने पर 25000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा। पहली बार किसी प्रावधान या नियम का उल्लंघन करने पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना देना होगा इसके अलावा यदि बाद में निर्धारित किए गए किसी नियम का उल्लंघन करने पर 25000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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राइट टू हेल्थ बिल से जनता को मिलने वाले फायदे
- राइट टू हेल्थ में आतंकवाद नेचुरल बायोलॉजिकल खराबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया, जहरीले पदार्थ, केमिकल अटैक, वायरस, परमाणु हमला, दुर्घटना, आबादी की बड़ी तादाद में मौत, गैसों का फैलना और जोखिम दुर्घटनाएं शामिल की गई है। जिससे राज्य में होने वाले नुकसान भी करव हो सकेंगे।
- Right To Health Bill में निजी अस्पतालों को भी सरकारी योजनाओं के अनुसार सभी बीमारी का इलाज निशुल्क करना होगा।
- महामारी के दौरान राइट टू हेल्थ के अंतर्गत राज्य के लोगों को इलाज, इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट, जांच, उपचार, नर्सिंग, डायग्नोसिस, और प्रोसीजर्स को इस बिल में शामिल किया गया है।
- इस बिल में गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टिट्यूट, फैसिलिटी, बिल्डिंग आदि को भी सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा इंडोर आउटडोर यूनिट, सरकारी प्राइवेट स्वामी से संचालित किए जा रहे संस्थान, फेंडेंट और कंट्रोल्ड इंस्टीट्यूट भी जनता को इलाज देने के लिए सम्मिलित होंगे।
- Right To Health Bill में राजस्थान के हर व्यक्ति को बीमारी की जांच, इलाज, भावी रिजल्ट और संभावित जटिल और इलाज के खर्च के बारे में अच्छी तरह जानकारी मिल सकेगी। यानी डॉक्टर को दिखाना, परामर्श, दवाइयां, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन जैसे एंबुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, आपातकालीन ट्रीटमेंट निशुल्क मिलेगा।
- मरीज को पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट की ओर से फ्री में इलाज के एडवांस पेमेंट के बिना इमरजेंसी में बिना देरी किए निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
- पहले से ही सूचना देकर इलाज के दौरान सर्जरी, कीमोथेरेपी के दौरान मानव गरिमा और गोपनीयता का ख्याल रखा जाएगा।
- महिला पेशेंट के फिजिकल टेस्ट के दौरान महिला कर्मी की उपस्थिति जरूरी होगी।
- रोड एक्सीडेंट में आने वाली मरीज का फ्री ट्रांसपोर्टेशन फ्री ट्रीटमेंट और फ्री इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा।
- दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचने वाले नागरिक को 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
- सुरक्षित खाना देने, पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था, हाइजीन के लिए सरकारी डिपार्टमेंट के बीच आपसी तालमेल रखा जाएगा।
- किसी भी शिकायत का तुरंत निपटारा करने के लिए सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी।
- वेब पोर्टल के माध्यम से 24 घंटे के अंदर शिकायत को सहायता केंद्र से संबंधित अधिकारी को भेजा जाना।
- शिकायत करने वाले को 24 घंटे के अंदर जवाब दिया जाएगा। साथ ही डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी को शिकायत मिलने पर 30 दिन के अंदर उचित कार्यवाही करनी होगी।